ठाकुर रणमत सिंह (रीवा)
आइए जानते है ठाकुर रणमत सिंह के बारे बारे में ,
यह बात 1857 की है जब पूरे देश में अंग्रेज़ो के ख़िलाफ़ लड़ाई का प्रदर्शन जारी था , और रीवा में। क्रांति की ज्वाला57 के 13 पहले ही लपट में आ चुकी थी , तभी रीवा के मउ क़स्बे में छह अंग्रेज़ो की ख़ून की आहुति दी जा चुकी थी ।
आगे की जानकारी पोस्ट में दी गयी है , अच्छी लगे तो शेयर ज़रूर करिएगा । 🙏
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